गुरुवार, 23 मार्च 2023

यम का जन्मदिन

यम का जन्मदिन था। उस अवसर पर स्वर्गलोक का दरबार खचाखच भरा हुआ था। सभी देवता अपने-अपने सिंहासन पर विराजमान थे। उसी समय मृत्युलोक से तीन आत्माएं दरबार में आ गई। और इस बात का हिसाब देखने के लिए खड़े हो गए कि हमें स्वर्ग मिलेगा या नर्क। इनमें से एक साहूकार की आत्मा थी। दूसरी एक सुनार की आत्मा थी और तीसरी एक चोर की आत्मा थी। यमराज ने कहा, आज मेरा शुभ दिन है।  तो सबकी मनोकामना पूरी होगी। फिर उनमें से  पापी हो या सज्जन। सभी को उनकी मांग के अनुसार सब कुछ मिलेगा। साहूकार ने कहा, दस लाख नीचे छोड़ आया हूं, उसका दस गुना अगले जन्म में मिल जाए तो अच्छा है। यमराज ने हाथ उठाकर कहा, तथास्तू! सुनार ने कहा, "मुझे ज्यादा कुछ नहीं चाहिए, लेकिन मैं अपने पीछे छोड़ हुए सोने के सिक्के, हीरे-मोती वापस पाना चाहता हूं।" यमराज ने सुनार से कहा कि तुम्हारी इच्छा के अनुसार होगा। फिर चोर की तरफ देखा। चोर ने कहा, मुझे कुछ नहीं चाहिए, बस इन दोनों के असली पते बता दिजीए। -मच्छिंद्र ऐनापुरे, जत जि. सांगली 

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