सोमवार, 23 जनवरी 2023

सिर शर्म से झुका देने वाली घटना

 दरअसल हरियाणा में महिला पहलवानों की सफलता, उनकी मेहनत की तारीफ हो रही है। यह किसी चमत्कार से कम नहीं है कि इतनी बड़ी संख्या में हरियाणा की महिला पहलवानों ने आगे आकर कॉमनवेल्थ गेम्स, ओलंपिक जैसी विभिन्न अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में सीधे जीत हासिल की है। इन महिला खिलाड़ीयों को अनुकूल वातावरण और बुनियादी ढांचा प्रदान करना केंद्र और राज्य सरकारों का कर्तव्य है। लेकिन यह पहलवान ही हैं जिन्होंने सतह पर कितनी भयानक और सड़ी-गली चीजें सामने लायी हैं। कुश्ती में दुनिया में भारत का नाम रोशन करने वाले इन पहलवानों ने जंतर-मंतर पर भारतीय कुश्ती महासंघ के 'हीरो' बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण का आरोप लगाते हुए विरोध जताया. इस घटना ने देशवासियों का सिर शर्म से झुका दिया है। 

छह बार के सांसद और एक दशक से अधिक समय से कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष 66 वर्षीय बृजभूषण सिंह का इस क्षेत्र में दबदबा है। उन्हें उत्तर प्रदेश के कैसरगंज लोकसभा क्षेत्र में बाहुबली के नाम से जाना जाता है। वह खुद पहलवान हैं। उन्होंने उत्तर प्रदेश में पचास से अधिक स्कूलों, कॉलेजों और कई व्यायामशालाओं की स्थापना की है। युवकों को मैदान में उतारा है। भारत ने उनके कार्यकाल में सबसे ज्यादा मेडल जीते हैं। लेकिन अध्यक्ष पद की सफलता उनके सिर चढ़ पड़ी। तेज-तर्रार होने के कारण वे जल्द ही 'आता माझी सटकली' की भूमिका में आ जाते हैं। खड़कन कान के नीचे भी दे देते हैं। वही बृजभूषण पर महिला मल्लों ने यौन शोषण का आरोप लगाया है। उन्हें पद से हटाने और जेल में डालने के लिए उन्होंने बुधवार से शुक्रवार तक जंतर-मंतर पर धरना दिया। विनेश फोगाट का आरोप है कि वह वर्षों से महिला पहलवानों का यौन शोषण कर रहें हैं। इस आरोप ने केंद्र सरकार को हिला कर रख दिया है। खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के दखल से आंदोलन थमा है। जांच के लिए एक कमेटी बनाई गई है। एक महीने के अंदर आएगी रिपोर्ट  लेकिन क्या समस्या का समाधान हो जायेगा? 

विनेश फोगट ने अक्टूबर 2021 में अपने परिवार के साथ प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। तब उन्होंने  विनेश को अपनी लड़की कहा था। वहीं, विनेश का कहना है कि बृजमोहन के काले कारनामों को उनके कानों तक पहुंचाया गया।  विश्वास नहीं हो रहा है कि डेढ  साल बीत जाने के बाद भी प्रधानमंत्री मोदी जी इस बेहद गंभीर आरोप पर कोई कार्रवाई नहीं की। क्या कहीं राजनीति हो रही है? यह खोजना होगा।  लेकिन जंतर-मंतर पर पहलवानों के आंदोलन ने मोदी के 'बेटी बचाव, बेटी पढाओ’ पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है। सरकार को इस बात का भी ख्याल रखना होगा कि अब लगातार यह आलोचना नहीं होगी कि अगर यौन शोषण का आरोपी बीजेपी का है तो वह छूट जाता है। मच्छिंद्र ऐनापुरे, सांगली। महाराष्ट्र।


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