शनिवार, 21 जनवरी 2023

( बाल कहानी) सच्ची सुंदरता

आज नदी के किनारे जामून के पेड़ पर चिड़ियों की चहचहाहट सुनाई दे रही थी।  पेड़ को खूब सजाया गया था...

मैना बहुत खुश लग रही थी क्योंकि आज उसका जन्मदिन था।  इस शाखा से उस शाखा पर उड़कर बैठनेवाली मैना से माँ ने पुछा,  "क्या तुमने अपने सभी दोस्तों को बुलाया?"  क्या तुम किसी को भूली तो नहीं?"
"नहीं माँ, किसी को भी नहीं भुली, सभी को बताया है।" मैना ने कहा।  'मुझे एक बार बताओ, ''किस किस को बुलाया है तुने?'
"मोर, गौरैया, सालुंकी, बगुला, कबूतर, पारवा, तित्वी... सबको बताया।"
"क्या तुमने उस कोयल को  बताया नहीं?"
"नहीं, मैंने उसे नहीं बताया।"
"क्यों?"
"देखो माँ, हम उसे पसंद नहीं करते।  वह कैसे दिखती  है?  दूसरी बात, हम उससे बात नहीं करते, तो उसे क्यों बुलाऊं?  सच कहूं तो मां, हममें से किसीं को भी पसंद नहीं वह, इसलिए हम उसके साथ खाना भी नहीं खाते।'
"सिर्फ इसलिए कि वह काली है?"
"हाँ।''
मां को मैना का व्यवहार बिल्कुल पसंद नहीं आया।  तब माँ ने उसके पास जाकर कहा, “देखो बेबी, खूबसूरती सिर्फ दिखने में नहीं होती।  आप दूसरों के साथ कैसा व्यवहार करते हैं, आप दूसरों के लिए कितने उपयोगी हैं, आप अपने अस्तित्व और काम से दूसरों को कितनी खुशी देते हैं, यही मायने रखता है। आपकी सुंदरता भी आपके गुणों पर निर्भर करती है।
माँ बोल रही थी, तभी बिच में मैना बोली, "उसमें कौन से गुण हैं?"

'देखो, जब कोयल गाती है तो सारा जंगल मुग्ध हो जाता है।  जंगल ही नहीं गांव में भी हर कोई उनकी आवाज सुनने का बेसब्री से इंतजार करता है।  भूल गई हैं  तू कि जिस कोयल से आप लोग बात नहीं करते हैं, वह पिछले साल आपकी कक्षा में प्रथम आई थी?उसका गायन कौशल, उनका अकादमिक कौशल सतह पर सिर्फ अच्छा दिखने से कहीं बेहतर है।  "किसी की सुंदरता उसके रूप से नहीं, बल्कि उसके अंग की गुणवत्ता से निर्धारित होती है।" मैना अपनी माँ की बातों को ध्यान से सुन रही थी।
अब उसके चेहरे पर मायूसी दिख रही थी।

उसके जन्मदिन पर, वह परेशान न हो, इसलिए उसकी माँ ने उसे 'अब खेलने जाओ' कहकर बाहर भेज दिया।  शाम हो गयी।  एक पक्षी एक एक उपहार के साथ जन्मदिन की पार्टी में शामिल हुआ।  मैना और उसकी माँ मुस्कुराते हुए सभी का स्वागत कर रहे थे।

उसी समय कोयल भी आ गई और मुस्कुराते हुए पेड़ पर बैठ गई।  उसने मैना के हाथ में गिफ्ट थमा दिया। मैना की माँ उसे देखकर बहुत खुश हुई।  मैना की माँ के आग्रह पर कोकिला ने एक सुन्दर गीत गाया।

उसके बाद सभी ने मनचाहा फल खाया और सभी अपने-अपने घरों की ओर रवाना हो गए.  तब माँ ने उसे प्यार से गले लगाया और कहा,"समझदार हो गई है मेरी बच्ची, तुने कोयल को बुलाया, मुझे बहुत अच्छा लगा।" तब मैना ने कहा, 'कोयल ने कितना सुंदर गीत गाया है। सच में, माँ, अगर आपने मुझे यह नहीं समझाया होता, तो मैं इसे कभी नहीं समझ पाती।"

जब मैं कल स्कूल जाऊंगी ना तो सबको यह समझाऊं की हमें कोयल की शक्ल नहीं बल्कि गुणों की सुंदरता देखनी चाहिए।" (अनुवाद- मच्छिंद्र ऐनापुरे)

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