गुरुवार, 6 अप्रैल 2023

( बाल कहानी) राजा ब्रूस और मकड़ी

बहुत पहले, स्कॉटलैंड पर राजा ब्रूस का शासन था। वह बहुत अच्छा राजा था; लेकिन उसके भी कुछ दुश्मन  थे। ऐसे ही एक शक्तिशाली शत्रु ने एक बार स्कॉटलैंड पर एक बड़ी सेना के साथ आक्रमण कर दिया। दुश्मन की सेना बहुत बड़ी थी और ब्रूस राजा की छोटी। उनके बीच युद्ध हुआ। कहने की आवश्यकता नहीं कि परिणाम क्या हुआ? राजा ब्रूस के कई पराक्रमी सैनिक मारे गए और कई घायल हुए। राजा ब्रूस को युद्ध के मैदान से भागना पड़ा। शत्रु उसका पीछा करने लगा। राजा ब्रूस शत्रु के डर से भाग रहा था। राजा ब्रूस एक जगह से दूसरी जगह दौड़कर दौड़कर थक गया था। इतना ही नहीं इस हार से उसे गहरा दुख भी हुआ था। अंत में वह एक जंगल में पहुंचा। राजा ब्रूस ने उस जंगल में एक गुफा देखी। राजा ब्रूस गुफा में गया और थक कर बैठ गया। "दुश्मन के चंगुल से बच निकला," उसने खुद से कहा। कुछ देर बाद राजा ब्रूस का ध्यान अचानक गुफा की एक दीवार पर गया। वहां एक मकड़ी जाला बुन रही थी। जाला बुनती मकड़ी दीवार पर चढ़ गई, बीच में ही गिर पडी। मकड़ी फिर से दीवार पर चढ़ गई, लेकिन वापस नीचे गिर गई। ऐसा छह बार हुआ;  लेकिन उस मकड़ी ने अपना प्रयास नहीं छोड़ा। उसने बार-बार दीवार पर चढ़ने की लगातार कोशिश की और आखिरकार गुफा की छत पर पहुंच गयी। “इतनासा कीड़ा;  लेकिन यह कितना बहादुर है!' राजा ने मन ही मन कहा, "छोटी मकड़ी, तुम मेरी शिक्षक हो। 'तेरी तरह मैं भी बार-बार प्रयास करूंगा। मैं अपने शत्रु को हराऊंगा और उसे अपने देश से निकाल दूंगा।" 

उसके बाद राजा ब्रूस गुफा से निकलकर अपनी प्रजा में वापस चला गया। राजा ब्रूस के सभी सैनिक उसके चारों ओर एकत्रित हो गए। उसके बाद फिर एक बड़ा युद्ध हुआ। हालांकि, इस बार राजा ब्रूस की सेना ने दुश्मन को हरा दिया और दुश्मन को स्कॉटलैंड से बाहर खदेड़ दिया। -मच्छिंद्र ऐनापुरे, जत जि. सांगली 

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