सोमवार, 10 अप्रैल 2023

निरंतर प्रयास से ही मिलती है सफलता

यदि आप किसी चीज में महारत हासिल करना चाहते हैं, तो आपको उसके प्रति जुनूनी होना होगा। नियमित अभ्यास से उसमें पूर्णता प्राप्त की जा सकती है। एक समर्पित कार्य रवैया होना चाहिए। विचार में अच्छाई हो और कर्म में निरंतरता हो तो सफलता भी उसके आगे सिर झुकाती है। यदि किसी कार्य में दिनचर्या हो तो आप अपने प्रतिस्पर्धियों को भी आसानी से मात दे सकते हैं। असफलता के कारण रुकें नहीं। एक बार, दो बार असफलता मिलेगी, तीसरी बार सफलता निश्चित है।  हिम्मत मत हारो। 

क्रिकेट में हर टेस्ट मैच में एक बल्लेबाज शतक नहीं लगा सकता है। कई बार यह लगातार जीरो पर भी आउट हो जाता है। लेकिन मेहनत और प्रयास से उसमें निरंतरता आती है।  वह हमेशा अच्छा स्कोर करने की कोशिश करता है। जैसा खेल के साथ है, वैसा ही जीवन के साथ भी होता है। ऐसा नहीं है कि बिजनेस से हर दिन बड़ी आमदनी होगी। किसानों की उपज का हमेशा अच्छा दाम नहीं मिलता है। लेकिन यह सही नहीं है कि किसान खेती छोड़ दे या व्यापारी अपना धंधा छोड़ दे। 

गलतियाँ कैसे होती हैं, क्यों होती हैं, इसका अध्ययन किया जाना चाहिए। उन्हें सुधार करने में सक्षम होना चाहिए। अगर आपको कोई बात समझ में नहीं आती है, तो आपको इसे खुलकर कहना चाहिए। दुख व्यक्त करने से मन हल्का होता है। थोड़ा समर्थन मिलता है। काम की एक नियमित दिनचर्या थके हुए मन को शक्ति दे सकती है।  निरंतर आसक्ति से ही मनुष्य नारायण बनता है। निरंतर अभ्यास आत्मज्ञान का द्वार खोलता है। बस विश्वास के साथ अभ्यास करते रहना चाहीए। अभ्यास में की गई गलतियों को सुधार कर प्रयास करते रहने से सफलता निश्चित है।  साथ ही यदि किसी कार्य में नियमितता हो तो आप अपने प्रतिस्पर्धियों को भी आसानी से मात दे सकते हैं। आपकी नियमितता के कारण आपका विरोधी भी पीड़ित हो सकता है और शत्रुता छोड़ सकता है। -मच्छिंद्र ऐनापुरे, जत जि. सांगली

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