शनिवार, 8 अप्रैल 2023

(बाल कहानी) ज्ञानी जादूगर

एक बार एक दूर देश में कॉर्ली नाम की एक लड़की अपने माता-पिता के साथ रहती थी। उसे झूठ बोलने और  डींगे हांकने में मज़ा आता था। कई सालों तक, उसके माता-पिता मानते थे कि उसने उन्हें जो कुछ बताया वह सच था,लेकिन धीरे-धीरे उन्हें भी एहसास हुआ कि कॉर्ली कितने डींगे हांकती है और उन्हें बहुत अफ़सोस हुआ। माता-पिता का अपने ही बच्चों की बातों पर भरोसा न कर पाना बहुत दुख की बात होती है। कॉर्ली की बुरी आदत को तोड़ने के लिए उन्होंने कई उपाय किए;  लेकिन वे सफल नहीं हुए। आखिरकार, कॉर्ली के माता-पिता ने उसे मर्लिन नामक एक प्रसिद्ध जादूगर के पास ले जाने का फैसला किया। उन दिनों झूठ बोलने वाले बच्चों के बुरी आदत को तोड़ने के लिए उन्हें मर्लिन के पास ले जाया जाता था। 

मर्लिन दुनिया का सबसे ईमानदार आदमी था। वह कांच की दीवारों वाले महल में रहता था;  इसलिए हर कोई उनके बारे में सारी वास्तविक जानकारी जानता था। उसने अपने जीवन में कभी किसी से झूठ नहीं बोला था। जैसे ही कॉर्ली ने उनसे संपर्क किया, उन्होंने तुरंत पहचान लिया कि क्या हो रहा है। कॉर्ली की माँ ने मर्लिन को बताना शुरू किया कि उसने कॉर्ली को यहां क्यों लाई है ;लेकिन वह सच कहकर इतनी शर्मिंदा हुई कि मर्लिन ने उसे रुकने का इशारा करने के लिए हाथ उठाया। उसने कहा, “मैं जानता हूँ कि तुम मेरे पास क्यों आए हो। मैं अच्छी तरह जानता हूं कि तुम्हें अपनी बेटी को मेरे पास क्यों लाना पड़ा। वह दुनिया की सबसे झूठ बोलने वाली,  डींगे हांकने वाली लड़की है और उसने आपको बहुत दुखी किया है। कॉर्ली डर गई। शर्मिंदा हो गई। वह नहीं जानती थी कि अपना चेहरा कहाँ छुपाए।  वह अपनी मां के एप्रन के पीछे छिप गई। उसके पिता आगे आए और उसे आश्वस्त करने के लिए उसके सामने खड़े हो गए। यह सच था कि उसके माता-पिता कॉर्ली को झूठ बोलने से रोकना चाहते थे; लेकिन वे उसे सबक सिखाते हुए किसी भी तरह की चोट नहीं पहुंचाना चाहते थे। 

"डरो नहीं," मर्लिन ने कहा।  मैं कॉर्ली को कुछ नहीं करूंगा। मैं अभी उसे एक उपहार देने जा रहा हूँ। उसने अलमारी खोली और एक सुंदर माला निकाली। माला के बीच में एक चमकता हुआ हीरे का पदक भी स्थापित किया गया था। मर्लिन ने कॉर्ली के गले में हार डाल दिया। 

उसने कहा, “अब जाओ।  मैंने आपकी बेटी को झूठ न बोलने का अचूक उपाय दिया है। '' फिर, कॉर्ली को थोड़ी सख्ती से देखते हुए, उसने उससे कहा, "एक साल बाद मैं अपनी माला वापस लेने के लिए वापस आऊंगा। तब तक यह माला गले से कभी नहीं उतरना। यदि तुम इसे हटा दोगे तो तुम पर एक भयानक विपत्ति आ पड़ेगी।" 

कॉर्ली और उसके माता-पिता घर लौटते हैं। कॉर्ली अगले ही दिन स्कूल चली गयी। उसकी माला देखने के लिए सभी लड़कियां उसके पास जमा हो गईं। "'तुम्हें यह माला कहाँ से मिली?'  वह पूछने लगी। "मैं लंबे समय से बीमार थी" कॉर्ली निर्भीक होकर झूठ बोली। "जब मैं ठीक हो गयी , तो मेरे माता-पिता ने मुझे यह खूबसूरत हार उपहार में दिया।"

सभी लड़कियाँ विस्मय में देखती रहीं; क्योंकि पदक में चमकता हीरा अचानक मंद पड़ गया था। 

''हाँ, मैं बहुत दिनों से बीमार थी।' कॉर्ली ने फिर झूठ बोला। अब हार का हीरा यहां साधारण पत्थर बन गया।फिर से सभी लड़कियाँ आपस में कानाफूसी करने लगीं। कॉर्ली ने भी माला को देखा और भयभीत हो गयी।

"वास्तव में मैं मर्लिन जादुगर के पास गई थी।" उसने जोर से कहा। उसे और झूठ बोलने की हिम्मत नहीं हुई। तुरंत ही उसकी माला फिर से चमकने लगी। सभी लड़कियाँ हँसने लगीं और कॉर्ली बहुत शर्मिंदा हुई।  

"क्यों मुस्कुरा रही हो?" उसने कहा, "उन्होंने हमें बहुत अच्छा आतिथ्य दिया। उन्होंने हमें ले जाने के लिए छह सफेद घोड़ों की अपनी सुंदर गाड़ी भेजी थी। इसमें गुलाबी रेशमी तकिए और सोने की झालर थी।" 

जब तक कॉर्ली का झूठ नहीं बताया गया तब तक लड़कियां फिर से जोर-जोर से हंस रही थीं। कॉर्ली ने हार को फिर से देखा। हर झूठ के साथ हार की लंबाई बढ़ती गई और पदक में का हीरा अब उसके घुटने के नीचे  तक आया था।  

"क्यों डींग हाक रही हो?" लडकीयां छेड़ने लगीं। तब कॉर्ली ने कहा, "ठीक है, अब मैं तुम्हें सच बताती हूँ।हम पैदल गए थे। '' माला की लंबाई फिर से पहले जैसी हो जाती है। "लेकिन मर्लिन ने बिना कुछ कहे मुझे हार दे दिया।" अब उसका हार इतना कड़ा हो गया कि उसके गले में फंदा कसने लगा। 

"तुम अब भी सच नहीं बोल रही हो," लड़कीयां बोली। 

"हाँ।  वास्तव में, मर्लिन ने कहा, "मैं दुनिया की सबसे झुठी लड़की हूँ।" जैसे ही उसने यह कहा, कॉर्ली की गर्दन पर की हार की पकड़ कुछ ढीली हो गई। 

लड़कियों को कॉर्ली पर तरस आ गया। लड़कियों में से एक ने पूछा, “तुम यह हार क्यों नहीं उतार देतीं?”

कॉर्ली ने कोई जवाब नहीं दिया। उसका हार उपर नीचे उछल  कर नाचने लगा और अजीब सी आवाजें निकालने लगा।

“तुम ज़रूर कुछ छिपा रही हो।” लड़कियाँ फिर हँसने लगीं। 

"मर्लिन ने चेतावनी दी है कि माला को कभी भी हटाना नहीं। अगर मैं इसे हटा देती हूं, तो मैं गंभीर संकट में पड़ जाऊंगी।" 

उस अजबसी माला  का कारनामा चलता ही रहा। जैसे ही कार्ली ने झूठ बोलती, उसमें लगा हीरा मंद पड़ जाता। लंबी लंबी डींग हाकने पर माला की लंबाई भी बढ़ जाती थी। सच नहीं बताया तो माला सिमट जाती थी। सवाल पूछे जाने पर कॉर्ली ने कुछ नहीं कहा तो, माला नाचना शुरू कर देती थी। अब आपने देखा होगा कि इतनी अजीबोगरीब माला होने के बाद किसी को डींग हाकने की आदत कितनी जल्दी छूट जाती है। कॉर्ली ने झूठ बोलना तब छोड़ दिया जब उसने महसूस किया कि अब एक भी झूठ हजम नहीं होगा। वह सच बोलने लगी। और सच बोलने से वह इतनी खुश हुई कि उसे खुद से झूठ बोलना पसंद नहीं आया। छुट्टी खत्म होने से बहुत पहले ही मर्लिन आया और अपनी माला वापस ले गया। वह जान गया था कि कॉर्ली को उस माला की अब कोई आवश्यकता नहीं है।

अंग्रेज़ी लेखक -ज्यों मेस 

अनुवाद -मच्छिंद्र ऐनापुरे, जत जि. सांगली 


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