एक बार एक मंदिर के पुजारी के गांव में बाढ़ आ जाती है। लोग गांव छोड़ना शुरू कर देते हैं। जब उसे साथ चलने को कहते है, तो वो मना करता है। वह उन्हें बताता है कि उसे अपने ईश्वर पर विश्वास है और ईश्वर निश्चित रूप से उसकी रक्षा करेगा। पानी बढ़ जाता है और पूरा गांव बह जाता है। पुजारी के घर के पास से एक निष्णात तैराक तैरता हुआ जा रहा था। वह पुजारी को अपनी पीठ पर बैठा कर ले जाने को तैयार होता है; लेकिन पुजारी इससे भी इनकार करता है। थोड़ी देर बाद एक नाव आती है; लेकिन वह उस में भी बैठने के लिए तैयार नहीं होता। नाव चली जाती है।
अंत में एक हेलीकॉप्टर आता है और उस पर सीढ़ी फेंकता है लेकिन वह उसे भी मना कर देता है। अंत में बाढ़ का पानी बढ़ जाता है और उसका घर डूब जाता है और वह मर जाता है। एक सदाचारी गृहस्थ होने के नाते, वह सीधे स्वर्ग जाता है। वह जब भगवान से मिलता है तो शिकायत करता है, की उसके प्रति इतना समर्पित होने के बावजूद, उसने उसे नहीं बचाया। तब भगवान मुस्कुराए और बोले, "मैंने तुम्हारे लिए एक आदमी, एक नाव और एक हेलीकाप्टर भेजा था। तुने तुझे दिए गए अवसर का लाभ नहीं उठाया।" अपनी जिद के कारण पुजारी सारे मौके गंवा चुका था। दोस्तों, आपके जीवन में ऐसे कई मौके आते और जाते हैं लेकिन उस वक्त आपको इसका अंदाजा नहीं होता है। एक छोटा सा मौका आपके जीवन को एक अच्छा मोड़ दे सकता है। इसलिए सही अवसर को कभी न चूकने दें। -मच्छिंद्र ऐनापुरे, जत जि. सांगली
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