सोशल मीडिया के जरिए तरह-तरह के फ्रॉड फंडे सामने आ रहे हैं। हाल के वर्षों में, "सेक्सटॉर्शन" का अर्थ यौन भावनाओं के आधार पर ब्लैकमेल करना है।वर्तमान में इस प्रकार की धोखाधड़ी बढ़ी है और सुर्खियों में है। इस तरह की धोखाधड़ी की शिकायत पहले नहीं की जाती है। हो भी जाए तो भी फोकस में आते नहीं है। यहां महिलाएं ही नहीं पुरुष भी ठगे जाते हैं। आर्थिक धोखाधड़ी के साथ-साथ आत्महत्या तक कर लेते हैं। महाराष्ट्र के पुणे में दो युवकों की आत्महत्या ने इस चर्चा को फिर से हवा दे दी है। साइबर सेल ऐसे रिकॉर्ड रखता है। मामले सुलझाए जाते हैं। लेकिन इस प्रकार को समझना चाहिए और सावधान रहना चाहिए।
घटना 1:
घटना हाल की है। एक विधवा शिक्षिका। अच्छा वेतन है। उसे अमेरिका में एक अनिवासी भारतीय युवक से फेसबुक पर 'फ्रेंड रिक्वेस्ट' मिलती है। ऑनलाइन दोस्ती का विस्तार अमेरिका से उपहार भेजने तक होता है। चैटिंग, वीडियो कॉल, सब कुछ देर रात तक शुरू होता है। आखिरकार उनकी बातचीत एक कामुक बातचीत में बदल जाती है। वहीं से अनचाही वीडियो कॉलिंग शुरू हो जाती है। लगभग छह महीने के बाद, वह उससे परिवार की विभिन्न जरूरतों के लिए पैसे मांगना शुरू कर देता है। टीचर ने ऑनलाइन भुगतान करना शुरू कर दिया है। धीरे-धीरे यह मांग छह लाख तक पहुंच जाती है। टीचर को पता चलता है कि हम धोखा खा रहे हैं। उसके बाद अधिक पैसे की मांग को लेकर ब्लैकमेलिंग का दौर शुरू हो जाता है। अनचाही स्थिति में के वीडियो को वायरल करने की धमकी दी जा रही है। असहनीय होने पर महिला पुलिस के पास पहुंची।
घटना 2:
फेसबुक पर एक तीस वर्षीय युवक को वीडियो कॉल आती है। एक युवती ने उसे बाथरूम जाने के लिए कहा। फिर एक दूसरे के बीच अनचाही वीडियो बातचीत होती है। उसके बाद 'उस' की स्थिति का वीडियो उसके एक दोस्त को भेजा जाता है। इसके बाद सभी दोस्तों को भेजने की धमकी दी। बदले में चालीस हजार रुपए ऑनलाइन भेजने की मांग की जाती है।युवक डर के मारे दस हजार की मांग पूरी करता है और अगले दिन वह पुलिस की साइबर सेल में पहुंच जाता है। संबंधित खाता ही 'अवरुद्ध' किया जाता है। उस बातचीत से दस हजार का नुकसान होता है।
इन दोनों घटनाओं की जांच पुलिस मुख्यालय स्थित साइबर सेल ने की। लेकिन वहां न पहुंचने वालों और ठगे गए लोगों की गिनती नहीं की जा सकती। अज्ञात नामों से व्हाट्सएप संदेश, देर रात कामुक भाषा वाले संदेश, बातचीत के लिए उकसाना और मुसीबत में आये लोगों का शिकार करना। यद्यपि धोखा देने के कई रूप हैं, अंतिम परिणाम एक ही है। धोखा, पछतावा और कभी-कभी आत्महत्या। यौन भावनाओं की इच्छा सभी को है। इस तरह की मानसिकता का फायदा उठाते हैं जो कामुकता की दुविधा से अपंग है। हर उम्र के बहकावे में आए पुरुष और महिलाएं प्रतिष्ठा के लिए चूप रहतें हैं। प्रकार बढ़ते हैं। ये सब 'सेक्सटॉर्शन', जो किसी के साथ भी हो सकता है। यही है आज की 'आभासी' दुनिया की हकीकत। सावधानता और सतर्क रहना ही एकमात्र उपाय है।
इन बातों से रहें सावधान
अज्ञात व्हाट्सएप नंबर और फेसबुक अकाउंट से किसी भी कॉल का जवाब न दें। बस यहीं नहीं रुकें, उन्हें 'ब्लॉक' करते हुए 'रिपोर्ट' भी करें। व्हाट्सएप नंबर या फिर फेसबुक अकाउंट की जांच की जाती है और उन्हें स्थायी रूप से 'ब्लॉक' कर दिया जाता है। इसलिए, अधिक रिपोर्टिंग आवश्यक है। ये वो 'दुर्घटनाएं' हैं जिन्हें आज की आभासी दुनिया में टाला नहीं जा सकता। हम कैसे सुरक्षित रहें, इसका ख्याल रखना ही संभव है।
इस तरह की शिकायतें पुलिस को रोजाना आती हैं। यहां तक कि एमबीबीएस, एमबीए ग्रेजुएट और यहां तक कि रिटायरमेंट की कगार पर खड़े लोग भी लोग भी 'शिकार' हो जाते हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात, धोखा मिलने के बाद शर्म के लिए खुद को मत मारो। तुरंत साइबर सेल में जाएं। पुलिस बिना किसी हंगामे के उसके चंगुल से बच निकलते हैं। ऐसी शिकायतों की जांच की जाती है और बिना किसी लिखित शिकायत के उनका समाधान किया जाता है। ऐसे प्रकार में फंसे पुणे के डॉ युवकों ने बिल्डिंग से कूदकर खुदकुशी कर ली। यह बहुत ताजा उदाहरण है। ऐसा न होने दें। पुलिस से संपर्क करें।
-मच्छिंद्र ऐनापुरे, मुक्त पत्रकार
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